हैप्पी हेल्थ इंडिया के शल्लकी जूस के बारे मे कुछ रोचक जानकारियॉ.... 


शल्लकी नाम की जड़ी बूटी का वैज्ञानिक नाम बोसवेलिया सेराटा है. लंबे समय से इसे एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता कर रहा है. यह पेड़ भारत मध्य पूर्वी देशों उत्तरी अफ्रीका और सूखे पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. इस संबंध में एक तथ्य यह भी है कि अलग-अलग जगहों पर इस की अलग अलग प्रजातियां पाई जाती हैं. भारत में उगने वाली प्रजाति बोसवेलिया सेराटा है. शल्लकी एक मध्यम आकार का पेड़ है. जिसके पत्ते नीम के पौधे की तरह होते हैं. शल्लकी के पौधे पर लगे फूल सफेद रंग के होते हैं. इस से निकला गोंद भारतीय फ्रैंकिनस कुंदर, मुकुन्द या लोबान कहलाता है. इसका उपयोग गठिया और सूजन के लिए औषधि के रूप में हमारे यहां काफी समय से किया जाता रहा है. आइए इसके फायदों और नुकसान को जानें.
1. शुगर के लिए
शुगर से पीड़ित मरीज में रक्त शर्करा को कम करना बहुत जरूरी होता है. शल्लकी के अर्क से आप रक्त शर्करा का स्तर काफी हद तक घटा सकते हैं. हालांकि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसका इस्तेमाल किसी चिकित्सक के परामर्श से ही किया जाए
2. सर दर्द के उपचार में
सर दर्द के उपचार में भी शल्लकी आपकी मदद कर सकती है. क्लस्टर सिरदर्द जो हाइपोथेलेमस ग्रंथियों में अनियमितताओं से उत्पन्न होता है और इसमें दर्द भी बहुत अधिक होता है. आपको ऐसे सरदर्द से राहत दिलाने में शल्लकी का उपयोग किया जा सकता है.
3. गठिया के उपचार में
शल्लकी के फायदे काफी गठिया पीड़ितों के लिए लाभकारी साबित होते हैं. दरअसल शल्लकी में सूजन को कम करने वाला बोल्सेविक एसिड नाम का एक ट्राइटपेनॉयड पाया जाता है. जोकि ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस में काफी प्रभावी साबित होता है. यही नहीं बोल्सेविया ऊतकों में सूजन और संयोजी ऊतक को टूटने से रोकने में लाभकारी होता है. गठिया में या जोड़ों के दर्द में इसके क्रीम का भी इस्तेमाल काफी राहत देता है.
4. घरेलू पशुओं के लिए
घरेलू पशुओं को भी कई परेशानियां और कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शल्लकी के औषधीय गुण उन प्रश्नों को भी दर्द से राहत देने का काम करती है. पशुओं में होने वाले सूजन को भी चलती कम कर सकती है.
5. बंद नाक के उपचार में
कई बार हम बंद नाक की समस्या से भी परेशान हो जाते हैं. इसमें छाती में दर्द भी होने लगती है. इस समस्या से निपटने के लिए शल्लकी को हल्दी पाउडर के साथ एक बर्तन में उबाल लें. इसके बाद इसमें शल्लकी के तेल की कुछ बुंदे मिलाएं और इसे भाप लेने के लिए इस्तेमाल करें ऐसा करने से आपका बंद ना खुल जाएगा और आपको राहत मिलेगा.
6. कैंसर के लिए
शल्लकी जिगर और मलाशय के कैंसर हों को खत्म करने में भी सकारात्मक भूमिका निभाती है. इसे लेकर हुए कई वैज्ञानिक शोधों में ऐसा देखा गया कि शल्लकी इन बीमारियों से लड़ने में काफी मददगार साबित हो सकती है.
7. तनाव से छुटकारा पाने में
तनाव से निपटने में शल्लकी की खुशबू काफी उपयोगी साबित होती है. शल्लकी का धूणा सुनने से किसी भी व्यक्ति का तनाव कम हो सकता है. इसके लिए आपको एक बर्नर में कोयले डालकर ऊपर से लेबनान छिड़क कर दूंगा करें और इसको कर को समझें
8. अल्सरेटिव कोलाइटिस में
अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतों में सूजन की परेशानी को कहा जाता है. शल्लकी का इस्तेमाल इस बीमारी को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है. हालांकि इस बीमारी में शल्लकी का इस्तेमाल कुछ हद तक नुकसान भी पहुंचाता है.
9. कोलेस्ट्रॉल कम करने में
शल्लकी आपका कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी काफी उपयोगी साबित होती है. कई शोधों में यह पाया गया है कि शल्लकी में कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि को रोकने के गुण पाए जाते हैं. इस प्रकार यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को कम भी कर सकता है.
10. त्वचा के लिए
शल्लकी में एंटीसेप्टिक गुणों की मौजूदगी होती है. अपने इस खासियत की वजह से यह त्वचा पर कई तरह की खुजली, मुहांसे, छोटे घाव, कीट काटने के दाग, धब्बे आदि के उपचार में भी किया जाता है. इसका इस्तेमाल अन्य तेलों के साथ मिलाकर किया जा सकता है. या फिर इसे तेल या लोशन के रूप में भी लगा सकते हैं.

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